विश्वजीत सपन! भारतीय पुलिस सेवा में एक ऐसा नाम जहा से स्तरीय रचनात्मकता का मुकाम नजर आता है। 1994 बैच के आईपीए और आंध्र प्रदेश काडर के वरिष्ठ अधिकारी विश्वजीत सपन इन दिनों यूट्यूब पर चर्चित हैं। सपन की ताजा गजल चमन में फूल जब खो जाएगा, खासी सुनी जा रही है। इस गजल में शब्द और आवाज दोनों ही सपन ने दिए हैं, जो लाजवाब हैं।
विश्वजीत अपने काव्य संग्रहों, गीत-संगीत में दखल और अनुवाद को लेकर बेहद चर्चित हैं। अपने कामकाजी जीवन के तनाव को दूर करने के लिए लेखन को सबसे मजबूत जरिया मानने वाले सपन ने अमीश की बेहद चर्चित पुस्तक का हिन्दी अनुवाद भी किया है, जो मेलूहा के मृत्युंजय शीर्षक से देशभर में खासी पसंद की गई है। विश्वजीत ऑफिसर्स टाइम्स के जरिए देश के उन खास ऑफिसर्स में भी शामिल हो चुके हैं, जिन्हें देशभर में अपने कामकाज को लेकर जमकर सराहना मिली है।
विश्वजीत की ताजा गजल उन्हीं की आवाज में सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -
http://youtu.be/BWX6Xy5EXd0
ऑफिसर्स टाइम्स में प्रकाशित विश्वजीत के आलेख को विस्तार से पढऩे के लिए इस लिंक पर क्लिक करें -
http://www.officerstimes.com/2012/08/blog-post_1618.html
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