केन्द्र सरकार ने अब ब्यूरोक्रेसी को लेकर कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। आज केन्द्र की ओर से जारी एक आदेश में राज्य सरकारों को साफ तौर पर कहा गया है कि 15 साल से ज्यादा प्रशासनिक सेवाएं दे चुके अधिकारियों का रिव्यू किया जाए और जो अधिकारी गर्वनेंस के लिए उच्च मानकों पर खरे नहीं उतरते उन्हें सेवानिवृत्त किया जाए। इस फरमान में सरकार ने विशेष रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा अधिकारियों पर फोकस किया है।
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एण्ड ट्रेनिंग की ओर से जारी इस फरमान में कहा गया है कि 15 साल की क्वालिफाइंग सर्विस या 25 साल की सेवा पूरी करने वाले या 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले ऐसे ब्यूरोक्रेट्स जो उच्च पदों पर तो बने हुए हैं, लेकिन परफोर्मेंस के मामले में खरे नहीं उतर रहे, उन्हें इस दायरे में शामिल किया जाए। इस संबंध में अतिरिक्त सचिव डॉ. एस.के. सरकार के अनुसार इस मामले में पीटर प्रिंसिपल को अपनाने की योजना है जिसके अनुसार सिस्टम में उच्च पद परफोर्मेंस, अचीवमेंट, सक्सेस और मैरिट के आधार पर देने की बात कही गई है। गौरतलब है कि पीटर प्रिंसिपल की अवधारणा 1969 में लॉरेंस जे. पीटर ओर रेमण्ड हुल द्वारा दी गई थी। जनवरी महीने में सरकार इस बारे में नियम 16(3) में बदलाव भी करने वाली है, जिसमें 30 साल की क्वालिफाइंग सेवा के बाद परफोर्मेंस चैक करने की अनुमति होगी।
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