योजनाओं को सही सांचे में ढालकर अमलीजामा पहनाने वाले चर्चित आईएएस अधिकारी अरुण झा को नई जिम्मेदारी दी गई है। झा को अब डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्टे्रटिव रिफोर्म्स एण्ड पब्लिक ग्रेवेंसेज (डीएआरपीजी) में अतिरिक्त सविच का जिम्मा सौंपा गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के केरल काडर के 1981 बैच के अधिकारी झा को यह जिम्मेदारी उनके कामकाज के अंदाज और बेहतरीन कार्यशैली पर फोकस की वजह से दी गई है। झा अब तक पीएसयू भेल के डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्री में चीफ विजिलेंस ऑफिसर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
झा के एकेडमिक ट्रेनिंग में पॉलिटिकल इकॉनमी ऑफ जापान एण्ड चाईना सहित पॉलिटिकल इकॉनमी इंस्टीट्यूशन ऑफ अफ्रीका सरीखे विषयों पर खासी पकड़ रही है। झा 1995-96 में विश्व बैंक के स्कॉलर भी रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार व बिहार सरकार के लिए अपने अध्ययन के आधार पर कई विशेष असाइनमेंट भी तैयार किए हैं। वे बिहार में सब डिविजनल ऑफिसर, डिप्यूटी डेवल्पमेंट कमिशनर सहित जिला कलक्टर सरीखे पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साथ ही झा ने स्मॉल सेविंग्स, सोशल सिक्योरिटी, रोजगार एवं प्रशिक्षण सहित शूगरकेन कमीशनर के पदों पर भी रह चुके हैं। अपने लम्बे कार्यकाल में झा ने बिहार के फूड एण्ड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट, एक्साइज एण्ड प्रमोशन, ऑफिशियल लैंगवेजज, अतिरिक्त वित्त आयुक्त (रिसोर्सेज) के साथ प्रबंध निदेशक बिहार स्टेट कॉपरेटिव बैंक के पदों पर भी सेवाएं दी हैं। झा को मैंबर सेके्रट्री नेशनल फार्मासुटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है।
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